Description
महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन | Mahakaleshwar Temple, Ujjain
🏛️ मंदिर का महत्त्व | Temple Significance
महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन का सबसे प्रसिद्ध और शक्तिशाली तीर्थस्थल है। यह भगवान शिव के स्वयंभू ज्योतिर्लिंग के रूप में पूजनीय है, जिसका तात्पर्य है कि यह शिवलिंग स्वयं प्रकट हुआ था। इस मंदिर को मोक्ष प्रदान करने वाला माना जाता है, और यह कालचक्र के अधिपति महाकाल भगवान का निवास स्थल है।
📜 पौराणिक कथा एवं धार्मिक मान्यता | Mythology & Religious Beliefs
पुराणों के अनुसार, उज्जैन में एक समय दुष्ट राक्षस दूषण का आतंक था, जिसने शिवभक्तों पर अत्याचार शुरू कर दिया। भक्तों की प्रार्थना सुनकर स्वयं भगवान शिव महाकाल के रूप में प्रकट हुए और दूषण का वध कर अपने भक्तों की रक्षा की। इसी स्थान पर उनका स्वयंभू ज्योतिर्लिंग प्रकट हुआ, जिसे महाकालेश्वर कहा जाता है।
महाकाल की महिमा इतनी विलक्षण है कि यह अकेला ऐसा ज्योतिर्लिंग है जो दक्षिणमुखी है, जिसका अर्थ है कि यह मृत्यु और काल को नियंत्रित करने की शक्ति रखता है। यहाँ पूजी जाने वाली भस्म आरती सम्पूर्ण भारत में अद्वितीय है, जिसमें भगवान महाकाल को हर दिन भस्म (राख) से अलंकृत किया जाता है।
यह मंदिर त्रिमूर्ति शिवलिंग की अवधारणा का भी परिचायक है, जिसमें महाकालेश्वर (भूतकाल), ओंकारेश्वर (वर्तमान) और नागचंद्रेश्वर (भविष्य) का पूजन किया जाता है।
🎉 प्रमुख उत्सव एवं अनुष्ठान | Festivals & Rituals
✔ महाशिवरात्रि – भगवान शिव की आराधना का सबसे बड़ा पर्व, जब लाखों भक्त उज्जैन में दर्शन के लिए आते हैं।
✔ श्रावण मास (सावन) – पूरे महीने विशेष पूजन और अभिषेक का आयोजन होता है।
✔ नित्य भस्म आरती – यह अनूठी आरती प्रतिदिन प्रातः 4 बजे होती है, जिसमें महाकाल को ताजे शव की चिता भस्म अर्पित की जाती है।
✔ नाग पंचमी – इस दिन विशेष रूप से नागचंद्रेश्वर मंदिर के दर्शन किए जाते हैं, जो साल में केवल एक दिन खुलता है।
🍛 प्रसाद विवरण | Prasad Details
✔ मुख्य प्रसाद: महाकाल भोग लड्डू
✔ अन्य प्रसाद: पंचामृत, बिल्व पत्र, मिश्री
(प्रसाद की उपलब्धता मंदिर के अनुष्ठानों एवं मौसमी स्थितियों पर निर्भर हो सकती है।)
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